इस योजना के तहत आप कर सकते हैं अपनी बेटी का भविष्य सुरक्षित, मिलेगा लाखों रुपये का गारंटी रिटर्न
केंद्र सरकार पिछले कई सालों से देश में महिलाओं और बच्चियों की बेहतरी के लिए कई ज़रूरी कदम उठा रही है. वैसे तो सरकार ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के तहत कई योजनाएं लांच की है लेकिन आज हम जिस योजना के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उसका नाम है “सुकन्या समृद्धि योजना”. इस योजना की शुरुआत वर्ष 2014 में हुई थी, लेकिन आज भी लोगों में इस योजना से जुड़ी जानकारियों का आभाव है.
इस योजना के तहत आप अपनी 10 साल या उससे कम उम्र की बिटिया के नाम से एक खाता खोल सकते हैं. इस खाते का लाभ आपको उसकी उच्च शिक्षा या शादी के समय मिलेगा. इस योजना के तहत मौजूदा समय में 8 फ़ीसदी का ब्याज मिल रहा है साथ ही साथ इस योजना में निवेश और रिटर्न दोनों को ही टैक्स-फ्री रखा गया है.
आपको बता दें, की वैसे तो यह स्कीम 21 साल की है, लेकिन बेटी के अभिभावकों को शुरुआत के 15 साल तक ही पैसा जमा करना पड़ता है. छह साल तक अकाउंट बिना पैसा जमा किए भी ऑपरेशनल बना रहता है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी 2023 तक इस योजना के तहत लगभग 3 करोड़ से ज्यादा अकाउंट खोले जा चुके हैं.
जानिए कैसे और कहाँ खोल सकते हैं आप खाता!
-सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खोलने के लिए आपको नज़दीकी पोस्ट ऑफिस या स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की शाखा में जाना होगा.
-आप अपनी 10 या उससे कम उम्र की बेटी के नाम से ही इस खाते को खुलवा सकते हैं.
-यह खाता आपकी बेटी के 21 साल की आयु होने तक या फिर उसकी शादी होने तक के लिए चालू रखा जा सकता है.
-खाता खोलने के लिए आपको कुछ जरुरी कागज़ात जैसे की अपनी बेटी का बर्थ सर्टिफिकेट जमा कराना होगा, अपना पहचान और स्थाई निवास के प्रमाण-पत्र की भी फ़ोटो कॉपी भी जमा करानी होगी.
जानिए आप कितना पैसा प्रति वर्ष जमा कर सकते हैं किस्त के तौर पर
इस खाते में आप प्रत्येक वर्ष 250 रूपये से लेकर 1.5 लाख रूपये तक जमा करा सकते हैं. ध्यान रखें, आप इस खाते को बेटी के 21 साल के होने या फिर उसकी शादी से पहले बंद नहीं करा सकते हैं. अगर बेटी किसी जानलेवा बीमारी से ग्रसित हो जाती है और आपको उसके लिए पैसों की ज़रूरत है तो ही इस खाते से पैसे निकाले जा सकते हैं. वहीं अगर किसी कारण वश बच्ची की मौत हो जाती है तो भी इस खाते को डेथ सर्टिफिकेट जमा कराने के बाद बंद करा सकते हैं. अभिभावकों को जमा राशि ब्याज के साथ दे दी जाती है.