वॉटर प्यूरीफायर का करते हैं इस्तेमाल! तो इन बातों कर जरूर रखें ख्याल

विशेषज्ञों के मुताबक शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए आमतौर पर सभी व्यक्तियों को प्रतिदिन कम से कम 2-4 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए. ऐसे में पानी का साफ और शुद्ध होना बेहद जरुरी है, वरना यही पानी आपको बीमार भी कर सकता है. भारत जैसे विकासशील देशों में आज भी पीने योग्य पानी की बेहद कमी है, ऐसे में स्वच्छ पानी के लिए लोग वाटर प्यूरीफायर पर काफी हद तक निर्भर हैं.

RO कैसे काम करता है?

RO बिजली के जरिए संचालित होने वाला एक उपकरण है. जिसके द्वारा सादे और दूषित पानी को स्वच्छ पानी में परिवर्तित किया जाता है. इस पूरे चरण में एक वाटर प्यूरीफायर, पानी से आयरन, ठोस पदार्थों तथा टीडीएस (TDS) को हटाकर पानी को पीने योग्य बनता है. RO (रिवर्स ऑस्मोसिस) टेक्निक की मदद से पानी में मौजूद शुक्ष्म कीटाणुओं और अशुद्धियों को साफ़ करता है जिससे पानी पीने योग्य बन सके.

वैसे तो बाजार में कई तरह के वाटर प्यूरीफायर मौजूद हैं, लेकिन अगर इसका ठीक से ख्याल नहीं रखा गया, तो न केवल इससे पानी अशुद्ध होगा बल्कि वाटर प्यूरीफायर भी ख़राब हो सकता है. ऐसे में इसका निरंतर निरिक्षण जरुरी है.

जानिए! RO इस्तेमाल करते वक्त किन बातों का रखें ख्याल

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RO Membrane की नियमित सफाई: वाटर प्यूरीफायर के फिल्टर और मेम्ब्रेन को हर 6-8 महीनों में चेंज और साफ किया जाना चाहिए. दरअसल, मेम्ब्रेन पानी से गंदगी को अलग करने का काम करता है. यह वॉटर प्यूरीफायर का सबसे अहम हिस्सा होता है, इसलिए इसकी नियमित साफ-सफाई और रख-रखाव का ख्याल रखना जरूरी है. ऐसे में RO के साथ आई मैन्युअल गाइड को अच्छे से पढ़ें.

वॉटर प्यूरीफायर का फ़िल्टर कब बदले: एक्सपर्ट्स के मुताबिक, RO वॉटर प्यूरीफायर को मैन्युअल गाइड में लिखी समय सीमा के दौरान ही बदल लेना चाहिए, RO में दो तरह के फ़िल्टर मौजूद होते हैं: सेडीमेंट और कार्बन फ़िल्टर.

सेडिमेंट फिल्टर: यह धूल, मिट्टी, और अन्य शुक्ष्म कणों को अंदर जाने से रोकता है. इसकी लाइफ आमतौर पर 2 से 6 महीने तक होती है, लेकिन यह निर्भर करता है की आप किस तरह के वाटर फ़िल्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं.

कार्बन फिल्टर: कार्बन फिल्टर पानी में मौजूद बदबू और रसायनिक पदार्थों को हटाता है. इसकी लाइफ आमतौर पर 6 महीने से 1 वर्ष तक हो सकती है.

अक्सर लोग वॉटर प्यूरीफायर में पानी का रिसाव होने पर खुद ही ठीक करने की कोशिश करने लगते हैं ऐसा न करे, इससे वॉटर प्यूरीफायर को नुकसान पहुंच सकता है. ऐसे में टेक्नीशियन की ही सहायता लें.

पाईप और नल की सफ़ाई करना ना भूलें: आरओ टैंक की सफाई के साथ-साथ उसमें मौजूद पाइप व नल की सफाई भी जरूर करें, एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हर दो साल में पानी के पाइप को बदल देना चाहिए. साथ ही हर तीन महीनो में RO के पार्ट्स और पाइप को निकल कर सैनिटाइजेशन जरूर करें.

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